Anurag's
Work Life

Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments. 

Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.

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19-Jul-2024

Dehradun, India

सत्रहवां दिन - डर्मेटोलॉजी विभाग में असाधारण सेवा

आज का दिन विशेष रूप से प्रेरणादायक था क्योंकि मैंने डर्मेटोलॉजी (त्वचा विज्ञान) विभाग में अपना समय बिताया। यह विभाग अक्सर अन्य प्रमुख विभागों की छाया में रह जाता है, लेकिन आज मैंने देखा कि यहाँ भी कितने असाधारण और महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। 

सुबह 9 बजे जैसे ही अस्पताल पहुँचा, मैंने डर्मेटोलॉजी विभाग का निरीक्षण करने का निर्णय लिया। वहाँ पहुंचकर, मैंने देखा कि डॉ. नीरज और उनकी टीम अपने काम में व्यस्त थे। उनकी टीम में कई अनुभवी और समर्पित चिकित्सक और नर्स शामिल थे, जो हर दिन कई मरीजों की त्वचा संबंधी समस्याओं का समाधान करते हैं। मैंने महसूस किया कि यहाँ का वातावरण और कार्यप्रणाली भी उतनी ही महत्वपूर्ण और जटिल है जितनी अन्य विभागों की। आज की सबसे महत्वपूर्ण घटना तब हुई जब एक 16 वर्षीय लड़की, रिया, अपनी माँ के साथ विभाग में आई। रिया की त्वचा पर गंभीर दाग-धब्बे और संक्रमण थे, जिससे वह बहुत परेशान थी। उसकी माँ ने बताया कि रिया का आत्मविश्वास टूट चुका है और उसने स्कूल जाना भी बंद कर दिया है।

 डॉ. नीरज ने रिया की स्थिति को समझते हुए उसे धैर्यपूर्वक सुना और उसकी समस्या को गहराई से जांचा। डॉ. नीरज ने तुरंत अपनी टीम को बुलाया और रिया के इलाज के लिए एक व्यापक योजना बनाई। उन्होंने बताया कि रिया को एक विशेष ट्रीटमेंट की आवश्यकता है जो कई हफ्तों तक चलेगा, लेकिन इसके परिणाम बेहद सकारात्मक होंगे। उन्होंने रिया को समझाया कि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होगी और उसे धैर्य रखना होगा। रिया और उसकी माँ को यह सुनकर थोड़ी राहत मिली। इसके बाद, डॉ. नीरज ने मुझे बुलाया और कहा, "अनुराग, यह एक ऐसा मामला है जहाँ हमें केवल चिकित्सा देखभाल नहीं, बल्कि भावनात्मक समर्थन भी प्रदान करना होगा।" यह सुनकर मुझे एहसास हुआ कि चिकित्सा सेवा का अर्थ केवल शारीरिक इलाज नहीं, बल्कि मरीज के मानसिक और भावनात्मक पहलुओं का भी ध्यान रखना होता है। डॉ. नीरज और उनकी टीम ने रिया के लिए एक विशेष उपचार योजना बनाई, जिसमें दवाइयों के साथ-साथ थेरेपी और काउंसलिंग भी शामिल थी। हमने सुनिश्चित किया कि रिया को अस्पताल में हर सप्ताह काउंसलिंग सत्र मिले, ताकि वह अपने आत्मविश्वास को वापस पा सके। रिया की माँ ने अस्पताल में स्टाफ के साथ खुलकर अपनी चिंताओं को साझा किया। हमने उनके साथ संवाद बनाए रखा और हर सप्ताह उनके फीडबैक को ध्यान में रखते हुए इलाज में आवश्यक परिवर्तन किए। मैंने भी रिया और उसकी माँ से नियमित रूप से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वे अकेले नहीं हैं। रिया की हालत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। उसकी त्वचा पर दाग-धब्बे कम होने लगे और उसकी मुस्कान लौटने लगी। हर हफ्ते, जब वह अस्पताल आती थी, तो उसकी आँखों में आशा की एक नई किरण दिखाई देती थी। यह देखकर न केवल उसकी माँ बल्कि हम सभी कर्मचारियों को भी बहुत संतोष और प्रेरणा मिली। आज, जब रिया और उसकी माँ अस्पताल से बाहर निकल रहे थे, तो उसकी माँ ने मेरी ओर देखकर कहा, "डॉ. नीरज और उनकी टीम ने हमारी जिन्दगी बदल दी। हम इस अस्पताल के आभारी हैं।" यह सुनकर मेरे मन में गर्व और संतोष की भावना जाग उठी। 

शाम को जब मैं अपने पीजी पहुँचा, तो मैंने TalentMD के Conflict Resolution का एक मॉड्यूल पूरा किया। इस मॉड्यूल से मुझे मेरी स्किल्स को और भी निखारने का अवसर मिला। मैंने थोड़ी देर आराम किया । 

शुभ रात्रि! 😊 अनुराग शर्मा (लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)

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Readers Comments

09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it