Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments.
Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.
30-Nov--0001
Dehradun, India
आज का दिन अस्पताल के आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) विभाग में बहुत ही चुनौतीपूर्ण और घटनाओं से भरा हुआ था। आईवीएफ और प्रजनन विभाग हमारे अस्पताल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ उन दंपत्तियों की मदद की जाती है जो संतान प्राप्ति में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यह विभाग संवेदनशील और जटिल मामलों से भरा होता है, जहाँ प्रत्येक केस एक नई चुनौती प्रस्तुत करता है।
सुबह 9 बजे, जब मैं अस्पताल पहुँचा, तो मुझे तुरंत एक आपातकालीन कॉल प्राप्त हुआ। एक महिला मरीज, मीनाक्षी, जो आईवीएफ प्रक्रिया से गुजर रही थी, उसकी स्थिति अचानक बिगड़ गई थी। उसे ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (OHSS) हो गया था, जो कि एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब अंडाशय बहुत अधिक उत्तेजित हो जाते हैं और उसमें तरल पदार्थ जमा हो जाता है। मैंने तुरंत अपनी टीम को एकत्र किया और स्थिति का जायजा लिया। हमें तेजी से निर्णय लेना था और मीनाक्षी की स्थिति को स्थिर करना था। मैंने हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों और नर्सों से सलाह ली और एक विस्तृत योजना बनाई। सबसे पहले, हमें यह सुनिश्चित करना था कि मीनाक्षी को सही मात्रा में तरल पदार्थ मिले और उसका रक्तचाप स्थिर हो। हमने मीनाक्षी को आईसीयू में शिफ्ट किया और उसकी स्थिति की लगातार निगरानी शुरू की। मैंने टीम को निर्देश दिया कि वे उसकी स्थिति पर ध्यान दें और किसी भी बदलाव का तुरंत जवाब दें। हमारी प्राथमिकता थी कि मीनाक्षी की हालत में सुधार हो और उसकी जान को कोई खतरा न हो। इस दौरान, मैंने मीनाक्षी के पति को पूरी स्थिति से अवगत कराया। वह बहुत चिंतित और घबराया हुआ था। मैंने उसे आश्वासन दिया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं और मीनाक्षी को जल्द ही ठीक कर देंगे। उसे यह भरोसा दिलाने के लिए मैंने अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग किया, जो कि TalentMD के प्रॉब्लम सॉल्विंग कोर्स की मदद से और भी मजबूत हुआ है।
लगभग चार घंटे की लगातार देखभाल और उपचार के बाद, मीनाक्षी की स्थिति में सुधार होने लगा। उसके रक्तचाप में स्थिरता आई और उसका शरीर तरल पदार्थ को सही ढंग से संसाधित करने लगा। यह हमारे लिए एक बड़ी राहत थी। मैंने सुनिश्चित किया कि मीनाक्षी की स्थिति में सुधार होता रहे और उसकी निगरानी जारी रहे। शाम होते-होते, मीनाक्षी की स्थिति काफी बेहतर हो गई थी। मैंने अपने टीम के साथ एक समीक्षा बैठक की और दिनभर की गतिविधियों का विश्लेषण किया। हमने इस अनुभव से सीखा कि किस प्रकार सही योजना, त्वरित निर्णय और टीमवर्क से किसी भी जटिल स्थिति का सामना किया जा सकता है। मेरी टीम ने अद्भुत सहयोग और धैर्य का प्रदर्शन किया, जिससे हम इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सफलतापूर्वक सामना कर सके। रात को, जब मैं अपने पीजी पहुँचा, तो मुझे गर्व और संतोष का अनुभव हो रहा था। मैंने जल्दी से डिनर किया और फिर अपनी डायरी में दिनभर की घटनाओं को लिखा। आज का दिन मेरे लिए एक महत्वपूर्ण सीख रहा है। मैंने देखा कि किस प्रकार सही निर्णय और टीमवर्क से किसी भी जटिल स्थिति का समाधान किया जा सकता है। इसके बाद, मैंने अपने प्रॉब्लम सॉल्विंग मॉड्यूल का एक और विषय पढ़ा। यह मॉड्यूल मुझे जटिल समस्याओं का समाधान करने के नए तरीके सिखा रहा है, जो मेरे पेशेवर जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस विषय को पढ़ने के बाद, मुझे महसूस हुआ कि आज के अनुभवों से मैंने बहुत कुछ सीखा है और मैं भविष्य में इन सीखों को और भी बेहतर तरीके से लागू कर पाऊँगा।
शुभ रात्रि! 😊
अनुराग शर्मा
(लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)
Comments will be moderated
Submit only once
09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it