Anurag's
Work Life

Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments. 

Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.

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15-Jul-2024

Dehradun, India

तेरहवां दिन - न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट : एक प्रेरणादायक घटना

देहरादून की सुबहें अनोखी और अलौकिक धूप से भरपूर होती हैं। आज मुझे न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट में काम करने का मौका मिला। यह डिपार्टमेंट अपने आप में अनोखा है, जहाँ एडवांस टेक्नोलॉजी और साइंस का मेल होता है। 

सुबह 9 बजे, जब मैं हॉस्पिटल पहुँचा, तो मैंने अपने दैनिक निरीक्षण का काम शुरू किया। न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट में हर कोई अपने काम में व्यस्त था। यहां विभिन्न प्रकार की रेडियोधर्मी स्कैन और ट्रीटमेंट किए जाते हैं, जो मरीजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। तभी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति सामने आई। अचानक, हमें पता चला कि एक मरीज को रेडियोधर्मी दवा की तुरंत आवश्यकता है, लेकिन हमारे स्टॉक में वह दवा उपलब्ध नहीं थी। यह स्थिति बहुत ही गंभीर थी क्योंकि मरीज की हालत तेजी से बिगड़ रही थी और उसे तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत थी। मैंने तुरंत स्थिति को समझा और सबसे पहले, मैंने न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड से संपर्क किया और स्थिति की गंभीरता के बारे में जानकारी दी। हमने मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश की। मेरा काम यह सुनिश्चित करना था कि मरीज को तुरंत जरूरी दवा मिल सके। मैंने आसपास के हॉस्पिटल्स और सप्लायर्स से संपर्क किया ताकि दवा का तुरंत इंतजाम हो सके। मैंने अपनी टीम को भी इस समस्या के समाधान के लिए निर्देशित किया और हमने मिलकर एक प्लान तैयार किया। हमारी टीम ने मिलकर इस संकट को संभाला। मैंने आसपास के सभी संभावित संसाधनों को जुटाने की कोशिश की। एक घंटे के भीतर, हमें एक नजदीकी हॉस्पिटल से आवश्यक दवा का इंतजाम हो गया। मैंने तुरंत एक एम्बुलेंस का इंतजाम किया और दवा को मंगवाया। इस प्रक्रिया में कई बार बाधाएँ आईं। सप्लायर्स ने शुरू में स्टॉक की कमी का हवाला दिया, और एम्बुलेंस भी समय पर उपलब्ध नहीं थी। लेकिन टीम की दृढ़ता और संकल्प ने सभी चुनौतियों को पार कर लिया। डॉक्टर्स और नर्सों ने भी धैर्य और कुशलता से काम किया, जिससे मरीज की हालत स्थिर हो सकी। मैंने महसूस किया कि असली नेतृत्व तभी दिखाई देता है जब हालात सबसे कठिन होते हैं। यह सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरी पूरी टीम के लिए भी एक सीखने का अनुभव था। हमने मिलकर यह सिखा कि कैसे मिलजुल कर काम करने से बड़े से बड़े संकट का समाधान निकाला जा सकता है। आज का दिन और भी खास था क्योंकि मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ। उसकी जिंदगी बचाने में हम सफल रहे। मरीज की माँ की आँखों में खुशी के आँसू देखकर हमें जो संतोष मिला, वह किसी भी सराहना से बढ़कर था। 

शाम को, जब मैं अपने पीजी में वापस आया, तो सभी पीजी मित्र चाहते थे कि मैं उनके साथ पास के सांस्कृतिक उत्सव में जाऊं। उत्सव का माहौल बेहद जीवंत और रंगीन था। हमने स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का आनंद लिया, और देहरादून की अनूठी धरोहर के बारे में नई चीजें सीखीं। स्थानीय लोगों की गर्मजोशी और उनकी संस्कृति की गहराई ने हमें बहुत प्रभावित किया। हमने लोक संगीत, नृत्य, और स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया। यह अनुभव न केवल मनोरंजक था, बल्कि यह हमें देहरादून के साथ और भी अधिक जुड़ाव महसूस कराने वाला था। पूरे दिन की व्यस्तता और शाम के उत्सव के बाद, जब मैं अपने कमरे में वापस आया, तो मैंने सोचा कि आज का दिन वास्तव में कितना अनोखा और चुनौतीपूर्ण था। न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट में काम करना और मरीज की जान बचाने की कोशिश में टीम के साथ मिलकर काम करना, मेरे लिए एक बड़ा सीखने का अवसर था। इस अनुभव ने मुझे यह भी सिखाया कि किसी भी समस्या का समाधान मिलजुल कर और धैर्यपूर्वक किया जा सकता है। आज की घटनाओं ने मुझे यह भी महसूस कराया कि असली संतोष और खुशी दूसरों की मदद करने में है। मरीज की माँ की आँखों में खुशी के आँसू और उनके चेहरे पर आई मुस्कान ने मुझे यह एहसास दिलाया कि हमारे प्रयास कितने महत्वपूर्ण और मूल्यवान हैं। यह अनुभव न केवल मेरे पेशेवर जीवन में बल्कि मेरे व्यक्तिगत जीवन में भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। अब मैं थोड़ा आराम करने जा रहा हूँ ताकि कल एक नई ऊर्जा के साथ काम कर सकूँ। कल का दिन भी नई चुनौतियाँ और नई सीखें लेकर आएगा। जीवन की यह यात्रा हमें हर दिन कुछ नया सिखाती है और हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। इस भावना के साथ, मैं आज की रात को विश्राम करने जा रहा हूँ, उम्मीद के साथ कि आने वाला दिन और भी बेहतर और प्रेरणादायक होगा। शुभ रात्रि! 😊---- अनुराग शर्मा (लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)

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Readers Comments

09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it